Sunday, December 4, 2011

आज

बीते दिनों को कभी याद न करना तुम,
जो हो गया उसके बारे में सोचके खुदको बर्बाद न करना तुम |

होनी को जो मंज़ूर था वोही तुम्हारे साथ हुआ,
इसीलिए दुखी होके, कभी न टूटके बैठना तुम |

वर्तमान पे ध्यान धरो, अतीत को न पकड़ना,
अतीत की बाहें थामली अगर तो भविष्य को होगा तुम्हे खोना |

जो आदमी अतीत को नहीं छोड़ता, वोह जीवन में असफल है होता,
उसकी जीवन एक अधूरी कहानी हे होती, जिसमे सिर्फ दुख है भरा होता |

इसीलिए मैं कहता हूँ की...

अपने आने वाले कल केलिए अपने आज को सवारों तुम,
अगर कल की बात लेके बैठ गए तो बादमे बैठके पछताओ तुम |

आज की ज़िन्दगी जीयो कल की न सोचो तुम,
हो चाहे वोह आने वाला या वोह जो है बीत गया,
क्योंकि बीते हुए को तो कोई नहीं बदल सकता
और आने वाले कल के बारे में कोई नहीं बता सकता |

- श्रवण

No comments:

Post a Comment