Sunday, December 4, 2011

आज

बीते दिनों को कभी याद न करना तुम,
जो हो गया उसके बारे में सोचके खुदको बर्बाद न करना तुम |

होनी को जो मंज़ूर था वोही तुम्हारे साथ हुआ,
इसीलिए दुखी होके, कभी न टूटके बैठना तुम |

वर्तमान पे ध्यान धरो, अतीत को न पकड़ना,
अतीत की बाहें थामली अगर तो भविष्य को होगा तुम्हे खोना |

जो आदमी अतीत को नहीं छोड़ता, वोह जीवन में असफल है होता,
उसकी जीवन एक अधूरी कहानी हे होती, जिसमे सिर्फ दुख है भरा होता |

इसीलिए मैं कहता हूँ की...

अपने आने वाले कल केलिए अपने आज को सवारों तुम,
अगर कल की बात लेके बैठ गए तो बादमे बैठके पछताओ तुम |

आज की ज़िन्दगी जीयो कल की न सोचो तुम,
हो चाहे वोह आने वाला या वोह जो है बीत गया,
क्योंकि बीते हुए को तो कोई नहीं बदल सकता
और आने वाले कल के बारे में कोई नहीं बता सकता |

- श्रवण

Sunday, November 27, 2011

ISA classes की कहानियां - Part 2

२२/१० का दिन था, ISA Classes की शुरुआत थी,
कुछ नया हम अबसे सीखेंगे, दिल में ये उम्मीद थी |

हाथ में कलम और दिल में उम्मीद लिए पहुँच गए हम क्लास में,
सोचा था ज्यादा students नहीं होंगे, पर २८ लोग थे |

पहले दिन आये महेंद्र भाई, हाथ में IPad और गले में tie,
प्यारी सी मुस्कराहट थी, और अपनी बातों से सबको किया फ़िदा |
दिए मुफ्त के Software के tips और lunch break में हमे eclairs,
अपने आप की बहुत प्रशंसा की, नए technologies का हमें ज्ञान दिया |

उनके क्लास में मज़ा आया बहुत, पर बाद में ये एहसास हुआ,
पढ़ा कुछ नहीं रहे थे वोह, बस entertain हमें बहुत किया |

फिर आये Prashant Maali, जिनके सर का मैदान था बिकुल खाली,
हर फूल पर नज़र थी जिनकी, जैसे बगीचे का एक माली |

topic था उनका बहुत बोरिंग, पर उसमे जान डाली उन्होंने ,
हमें कहानी सुनके और लेके tests, exam केलिए तैयार किया|

फिर आई केटकर की बारी, इन्होने सबको bore किया,
अपनी बेकार presentation से हम सबको अँधा बना दिया |
इनके बारे में और कुछ कहूँगा नहीं, क्योंकि इस लायक नहीं है वो,
एक छोटी सी Question Bank देकर १०० रुपयों का नुक्सान करा दिया |

आखिर में थे सर्देस्साई, उनके चेहरे से ज्ञान टपक रहा था,
पर जब बोलने लगे तो एहसास हुआ की आवाज़ में बिलकुल दम न था |

बड़े ही सीधे साधे थे, और subject का knowledge था बहुत,
पर अपनी धीमी आवाज़ से उन्होंने सबको सुला दिया |
सोचने पर सबको मजबूर किया और exam approach पर tips दिए,
अंत में Seggragation of duties पे sixer मारके,
एकदम से class को जीत लिए |

ये थी कहानी ISA की, अब exam की बारी है |
सबका मज़ाक उड़ाया बहुत अब पिटने की हमारी बारी हैं |

- Shravan

ISA classes की कहानियां - Part 1

क्लास में आके भैठ गया हूँ, सोच रहा हूँ क्यों?
faculty कि ये सारी बातें सुन रहा हूँ क्यों?

जब उन्होंने Good Morning कहा उनकी आवाज़ से ही नींद आई मुझे,
और उनकी lecture सुनके ऐसा लगा कि लोरी सुना रहे हे मुझे |

'Mental torture' कि बात कर रहे हैं, कोई उनको समझाओ,
यह lecture लेके हमें mentally torture कर रहे हैं वो |

बीच में जब क्रिकेट का स्कोर देखा, तो अपने आप को कोसा मैंने बहुत,
१२९/७ था स्कोर West Indies का, match miss होने का गम हुआ बहुत |

बहुत सारे उधारण उन्होंने हमसे 'Share' किए,
बीच में चुटकुले सुनाने कि भी कोशिश की,
पर हसी आई नहीं, बलकी रोना आ गया मुझे |

मुझे तो ऐसा लगा की सिर्फ भूषण उनको सुन रहा था,
उनकी चुटकुले सुनकर वो एक ही था जो हस रहा था |

एक घंटा लोरी सुनाके, अभी कहा 'Lets start the class',
तो अब तक की ये फ़िज़ूल की बातें पता नहीं सुनाया क्यों?

'What is an information asset?' शायद हर faculty ने ये Question पुछा हे,
Question सुनके पक गया हूँ, Answer तो दूर की बात है |

अपना bike लेके आना चाहिए था, break में निकल जाता मैं,
कुरची पर बैठके सोने से बेहतर, घर पे आराम से match देखता मैं |