Sunday, November 27, 2011

ISA classes की कहानियां - Part 2

२२/१० का दिन था, ISA Classes की शुरुआत थी,
कुछ नया हम अबसे सीखेंगे, दिल में ये उम्मीद थी |

हाथ में कलम और दिल में उम्मीद लिए पहुँच गए हम क्लास में,
सोचा था ज्यादा students नहीं होंगे, पर २८ लोग थे |

पहले दिन आये महेंद्र भाई, हाथ में IPad और गले में tie,
प्यारी सी मुस्कराहट थी, और अपनी बातों से सबको किया फ़िदा |
दिए मुफ्त के Software के tips और lunch break में हमे eclairs,
अपने आप की बहुत प्रशंसा की, नए technologies का हमें ज्ञान दिया |

उनके क्लास में मज़ा आया बहुत, पर बाद में ये एहसास हुआ,
पढ़ा कुछ नहीं रहे थे वोह, बस entertain हमें बहुत किया |

फिर आये Prashant Maali, जिनके सर का मैदान था बिकुल खाली,
हर फूल पर नज़र थी जिनकी, जैसे बगीचे का एक माली |

topic था उनका बहुत बोरिंग, पर उसमे जान डाली उन्होंने ,
हमें कहानी सुनके और लेके tests, exam केलिए तैयार किया|

फिर आई केटकर की बारी, इन्होने सबको bore किया,
अपनी बेकार presentation से हम सबको अँधा बना दिया |
इनके बारे में और कुछ कहूँगा नहीं, क्योंकि इस लायक नहीं है वो,
एक छोटी सी Question Bank देकर १०० रुपयों का नुक्सान करा दिया |

आखिर में थे सर्देस्साई, उनके चेहरे से ज्ञान टपक रहा था,
पर जब बोलने लगे तो एहसास हुआ की आवाज़ में बिलकुल दम न था |

बड़े ही सीधे साधे थे, और subject का knowledge था बहुत,
पर अपनी धीमी आवाज़ से उन्होंने सबको सुला दिया |
सोचने पर सबको मजबूर किया और exam approach पर tips दिए,
अंत में Seggragation of duties पे sixer मारके,
एकदम से class को जीत लिए |

ये थी कहानी ISA की, अब exam की बारी है |
सबका मज़ाक उड़ाया बहुत अब पिटने की हमारी बारी हैं |

- Shravan

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