We often tend to forget the role that a teacher plays in our life. Here i present a poem dedicated to my Teachers
हमारे गुरु
सूरज कि किरने जिस तरह
हमे रौशनी देती हैं,
हमारे गुरु वैसे ही
जीवन को उज्जवल करते हैं |
इनकी शरण में रहकर
सही राह हम पाते हैं,
इनकी सलाह मानकर
सही हल हमें मिलते हैं |
सागर से भी विशाल हे,
ये समुन्दर ज्ञान का,
इनकी बूँदें छिड़ककर,
वोह हैमें इंसान बनाते हें |
इनकी इज्ज़त करना
हमारा परम कर्त्तव्य हे,
इनकी आज्ञा का पालन करना
करम नहीं धरम हें |
--------------------------
श्रवण स्वरुप
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment