Friday, December 4, 2009

हमारे गुरु

We often tend to forget the role that a teacher plays in our life. Here i present a poem dedicated to my Teachers

हमारे गुरु

सूरज कि किरने जिस तरह
हमे रौशनी देती हैं,
हमारे गुरु वैसे ही
जीवन को उज्जवल करते हैं |

इनकी शरण में रहकर
सही राह हम पाते हैं,
इनकी सलाह मानकर
सही हल हमें मिलते हैं |

सागर से भी विशाल हे,
ये समुन्दर ज्ञान का,
इनकी बूँदें छिड़ककर,
वोह हैमें इंसान बनाते हें |

इनकी इज्ज़त करना
हमारा परम कर्त्तव्य हे,
इनकी आज्ञा का पालन करना
करम नहीं धरम हें |

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श्रवण स्वरुप

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